राजस्थान में दूल्हा शादी से पहले सबके सामने करता है मां का स्तनपान, फिर चढ़ता है घोड़ी

C.p.choudhary
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राजस्थान के बिजौलियां में राजे-रिश्ते के बाद इंसान की जिंदगी में अपनी मां का दूध बनाने का मौका आखिरी दम तक नहीं। बिजोलियां शीतला माता मंदिर में विवाह के अवसर पर विशेष रूप से जीवन में अपने बचपन के कुछ पल जीने का मौका है जब बारातियों से चली आ रही परंपरा को अंतिम संस्कार के रूप में मां के प्रतीक के रूप में उन्हें शीतला माता मंदिर में ढोलक चढ़ाया जाता है है. ये कस्टम वेयर ने मिट्टी से लोग ढूंढ रहे हैं। हालाँकि अब प्रिय को माँ सांकेतिक पताशा खिलाड़ी आशीर्वाद देते हैं।

राजस्थान में दूल्हा शादी से पहले सबके सामने करता है मां का स्तनपान, फिर चढ़ता है घोड़ी
महिलाएं के अनुसार प्रिय की मां शीतला माता से मांगती है कि मैंने अपने बेटे को दूध पिलाया और खून से सींचकर आज इतना बड़ा कर दिया कि आज उसकी शादी हो गई। अब आप मेरी और मेरी बेटी की रक्षा करें।

माँ शीतला के उपाय:-

कोटा शहर के बिजौलियां गांव में शादी से पहले उनकी मां ने सबसे पहले करवाती हैं और उन्हें आशीर्वाद दिया है। ये परंपरा यहां के लोग निभा रहे हैं। यह सबसे महत्वपूर्ण है. आज भी यहां रहने वाले कई लोग इस परंपरा को पूरे तरीके से पेश कर रहे हैं। इस रेस्टोरेंट में राक्षस राक्षस ने अपनी और अपने बेटों की रक्षा के लिए मां कोल्डा से दवा बनाई है। 

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ठंडा, खाद्य पदार्थ दही और पुआ-पापड़ अर्पण करते हैं पूजा:-

शीतला और बोदरी माता के मंदिर पर लगभग पांच से सात हजार महिलाओं को ठंडे कपड़े दही और चावल पुए और पापड़ आदि से शीतला को भोग लगता है। महिला प्रोटोजोम कोई मांग पूरी हो गई है वो दोनों पेंटिंग चांदी के नेतर और बिकवाली पर चढ़ाती हैं। जहां नमक, धान का कपड़ा और भोग सामग्री महिलाएं हैं।

शीतला पूजन के पीछे गरमी जनित चुनौती से अपमान की दवा भी है जलन, त्वचा रोग शरीर पर लाल बालों वाली आदि से शीतला रक्षा करती है। भामाशाहों की मदद से वर्तमान मठ शिव चंद्रवाल के प्रयास में पुराने मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया है।

बिजौलियां के कुम्हार परिवार करते हैं शीतला माता की पूजा:-

बस्ती में शहर कोट के बालाजी बीजन बावड़ी के पास स्थित शीतला माता और सनपोल के पास स्थित शीतला माता मंदिर पर शीतला सप्तमी को पूरे इलाके की महिलाएं रात आठ बजे से पूरी रात भर पूजा अर्चन करती हैं। जन्मभूमि में एक कृष्ण कुम्हार परिवार निवास करते हैं। शीतला माता के पुजारी का अधिकार स्थानीय मूल परिवार को ही प्राप्त है।

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संबंधित प्रश्न:-

Q1.दुल्हन की उम्र सबसे कम क्यों होती है?
माना जाता है कि लड़कियों से सबसे ज्यादा मैच होते हैं। ऐसे में अगर दोनों एक ही उम्र के हों तो उनकी सोच कभी नहीं होगी। इस कारण से उनके बीच मूल्यांकन होने की संभावना भी बढ़ जाएगी। 

Q2.सुहागरात की रात को दुल्हन हल्दी बादाम का दूध क्यों पिलाती है?
शादी के बाद एक दोस्त के लिए बहुत ही खास होता है। और वह है सुहागरात। सुहाग-रात दो दोस्तों का मिलन ही नहीं है बल्कि ये वो समय होता है जब दो अजबनी एक-दूसरे के बेहद करीब आते हैं और अपने दिल की सारी दोस्ती एक साथ करने के लिए एक नए सफर की शुरुआत करते हैं। दो पल का नहीं होता ये सफर, ये होता है जीवनभर किरदार का सफर।

Q3.दुलहा बारात लेकर जाती है दुल्हन क्यों नहीं?

भारतीय समाज की मान्यता के अनुसार वर पक्ष ही बारात लेकर लड़की के दरवाजे पर जाता है। लड़की के घर पर ही शादी की सभी रस्में-रिवाज पूरे होते हैं। लेकिन बिहार के आसोल जिले में वक्त के साथ ये कस्टम सहयोगी दल है। यहां एक दुल्हन बारात लेकर खास के घर जाती है और उसकी शादी होती है। दुल्हन के इस कदम पर चर्चा आम है। कुछ लोग इसे महिला संविधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मान रहे हैं।




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